कोरोना संकट में पाकिस्तान की नई चाल, आतंकियो को बचाने के लिए किया ये कांड
पाकिस्तान ने फिर उट-पटांग हरकत शुरू कर दी है। जब सारी दुनिया कोरोना से जूझ रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हैं। मतलब ये कि इमरान सरकार ने ने अपनी निगरानी सूची में से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने फिर उट-पटांग हरकत शुरू कर दी है। जब सारी दुनिया कोरोना से जूझ रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हैं। मतलब ये कि इमरान सरकार ने ने अपनी निगरानी सूची में से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इस काम को उसने बीते 18 माह के दौरान अंजाम दिया है।
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कोई वजह भी नहीं बताई
मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। पाकिस्तान ने ऐसा करने की कोई वजह भी नहीं बताई है। पाकिस्तान की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब जून में एफएटीएफ (FATF) की संभावित बैठक हो सकती है जिसमें ये देखा जाएगा कि जिन 27 बिंदुओं पर पाकिस्तान से एक्शन लेने के लिए कहा गया था वो लिए गए या नहीं। एफएटीएफ द्वारा फरवरी में हुई बैठक में उसको जून तक का समय दिया गया था। इसमें कहा ग या था कि यदि पाकिस्तान इन मानकों पर खरा नहीं उतरता तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।एफएटीएफ इस साल जून में पाकिस्तान के मनी लॉन्ड्रिंग से 27 बिंदुओं पर लिए एक्शन की समीक्षा करने वाला है। विशेषज्ञों के अनुसार एफएटीएफ( FATF) में ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए इमरान सरकार ने ये चाल चली है। अमेरिकी सरकार में पूर्व पॉलिसी एडवाइजर रह चुके पीटर पैटेटस्की के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मानक यह है कि अगर वॉच लिस्ट से आतंकवादियों का नाम हटाया जाता है तो तुरंत उसकी सूचना तत्काल वित्तीय क्षेत्र को देनी होती है। पाकिस्तान ने संदिग्ध आतंकवादियों के नाम हटाते समय ऐसा नहीं किया है।
1800 आतंकियों के नाम हटाए
इमरान खान ने भी सत्ता में आने के बाद से अभी तक 1800 आतंकियों के नाम इस लिस्ट से हटा दिये हैं। इमरान ने ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले लश्कर के कमांडर जकी उर रहमान लखवी का नाम लिस्ट से बाहर किया है। (FATF) के मुताबिक अक्टूबर 2018 तक इस लिस्ट में कुल 7,600 नाम थे जो अब घटकर 3800 रह गए हैं। इमरान ने 9 मार्च को सरकार में आने के बाद से 27 तक एक झटके में 1,069 नाम इस लिस्ट से हटा दिए। 27 मार्च के बाद से सभी तक अलग-अलग मौकों पर 800 और नाम इस लिस्ट से हटाए गए।
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रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अधिकारी ताहिर अकबर अवन ने कहा है कि संदिग्ध आतंकवादियों की संख्या बहुत ज्यादा थी और इसमें कई गड़बड़ियां भी थीं। उनके मुताबिक इस सूची में अब तक उनके नाम भी शामिल थे जिनकी मौत हो चुकी है। इसके अलावा इसमें वो नाम भी शामिल थे जो किसी प्रतिबंधित गुट के सदस्य नहीं थे। एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान का ये कदम शायद इसलिए भी उठाया गया हो क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से इस बैठक पर संकट के बादल हैं
पाकिस्तान ने फिर उट-पटांग हरकत शुरू कर दी है। जब सारी दुनिया कोरोना से जूझ रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हैं। मतलब ये कि इमरान सरकार ने ने अपनी निगरानी सूची में से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने फिर उट-पटांग हरकत शुरू कर दी है। जब सारी दुनिया कोरोना से जूझ रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा हैं। मतलब ये कि इमरान सरकार ने ने अपनी निगरानी सूची में से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत करीब चार हजार आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इस काम को उसने बीते 18 माह के दौरान अंजाम दिया है।
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कोई वजह भी नहीं बताई
मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। पाकिस्तान ने ऐसा करने की कोई वजह भी नहीं बताई है। पाकिस्तान की तरफ से ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब जून में एफएटीएफ (FATF) की संभावित बैठक हो सकती है जिसमें ये देखा जाएगा कि जिन 27 बिंदुओं पर पाकिस्तान से एक्शन लेने के लिए कहा गया था वो लिए गए या नहीं। एफएटीएफ द्वारा फरवरी में हुई बैठक में उसको जून तक का समय दिया गया था। इसमें कहा ग या था कि यदि पाकिस्तान इन मानकों पर खरा नहीं उतरता तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।एफएटीएफ इस साल जून में पाकिस्तान के मनी लॉन्ड्रिंग से 27 बिंदुओं पर लिए एक्शन की समीक्षा करने वाला है। विशेषज्ञों के अनुसार एफएटीएफ( FATF) में ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए इमरान सरकार ने ये चाल चली है। अमेरिकी सरकार में पूर्व पॉलिसी एडवाइजर रह चुके पीटर पैटेटस्की के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मानक यह है कि अगर वॉच लिस्ट से आतंकवादियों का नाम हटाया जाता है तो तुरंत उसकी सूचना तत्काल वित्तीय क्षेत्र को देनी होती है। पाकिस्तान ने संदिग्ध आतंकवादियों के नाम हटाते समय ऐसा नहीं किया है।
1800 आतंकियों के नाम हटाए
इमरान खान ने भी सत्ता में आने के बाद से अभी तक 1800 आतंकियों के नाम इस लिस्ट से हटा दिये हैं। इमरान ने ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले लश्कर के कमांडर जकी उर रहमान लखवी का नाम लिस्ट से बाहर किया है। (FATF) के मुताबिक अक्टूबर 2018 तक इस लिस्ट में कुल 7,600 नाम थे जो अब घटकर 3800 रह गए हैं। इमरान ने 9 मार्च को सरकार में आने के बाद से 27 तक एक झटके में 1,069 नाम इस लिस्ट से हटा दिए। 27 मार्च के बाद से सभी तक अलग-अलग मौकों पर 800 और नाम इस लिस्ट से हटाए गए।
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रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अधिकारी ताहिर अकबर अवन ने कहा है कि संदिग्ध आतंकवादियों की संख्या बहुत ज्यादा थी और इसमें कई गड़बड़ियां भी थीं। उनके मुताबिक इस सूची में अब तक उनके नाम भी शामिल थे जिनकी मौत हो चुकी है। इसके अलावा इसमें वो नाम भी शामिल थे जो किसी प्रतिबंधित गुट के सदस्य नहीं थे। एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान का ये कदम शायद इसलिए भी उठाया गया हो क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से इस बैठक पर संकट के बादल हैं
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