पालघर में मारे गए संत का आखिरी संदेश हुआ वायरल, जाति व्यवस्था पर की थी चोट
नई दिल्ली टीम डिजिटल। पालघर में 200 लोगों की भीड़ के जानलेवा हमले के बाद दम तोड़ने वाले महंत कल्पवृक्ष गिरी समेत तीन लोगों की दुखद मौत के बाद से इस मुद्दे पर सियासत तेज होती जा रही है। बुधवार को ठाकरे सरकार ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची जारी करते हुए दावा किया है हमलावरों में दूसरे समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं था। ऐसे में स्वामी कल्पवृक्ष के नाम से जारी की गई वीडियो तेजी से वायरल होती जा रही है।
यह वही संत ह जिन्हें पालघर में घेर कर मार दिया गया😠😠#वीडियो सुनिए
आपको समझ मे आ जाएगा कि ये संत हमारे लिए कितने जरूरी थे और यही वजह इनकी मौत का कारण बन गयी😢
इनकी मृत आत्मा को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करना हमारी और आपकी जिम्मेदारी ह
जागो हिन्दू जागो pic.twitter.com/Kfr35Gxbeq
— Dev Jakhar (@JakhatDev) April 21, 2020
अभी तक वीडियो की पुष्टी नहीं, सत्यता पर संदेह बरकरार
समाचार लिखे जाने तक वीडियो की पुष्टी नहीं की जा सकी है। वीडियो में दिख रहे स्वामी की शक्ल महंत कल्पवृक्ष गिरी से मिलती है मगर महंत कल्पवृक्ष गिरी की किसी तस्वीर में त्रिशूल के आकार का त्रिपुंड नहीं लगा हुआ है। लिहाजा इस वीडियो की सत्यता पर संदेह बरकराह है।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो
इस वीडियो में महंत कल्पवृक्ष गिरी लोगों से आत्मरक्षा के साधन रखने, समाज में एकता बनाए रखने और हिंदुओं में जाति व्यवस्था के भेदभाव को दूर करने का संदेश देते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वीडियो में भी उनका नाम कहीं नहीं बोला गया है, इसलिए सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती जा रही इस वीडियो पर संदेह भी किया जा रहा है।
क्या महंत ने मरने से पहले ही कर दिया था खतरे के प्रति आगाह
वहीं कई यूजर कमेंट कर रहे हैं कि महंत कल्पवृक्ष गिरी ने मरने से पहले ही समाज को खतरे से आगाह किया था। मगर खुद उनकी रक्षा करने में समाज विफल रहा। अलबत्ता इतनी आक्रामक हिंसक भीड़ के हाथों वृद्ध महंत कल्पवृक्ष गिरी की निर्दय मृत्यू के बाद से मिले-जुले रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं।
केस बंद मगर सियासत जोरों पर
उनकी मौत की वीडियो में ‘शोएब बस’ की आवाज सुनाई दे रही है। मगर अब दावा किया जा रहा है कि ये अवाज ‘ओए बस’ है। अब खुद महाराष्ट्र के गृह मंत्री दावा कर रहे हैं कि इस फेहरिस्त में कोई दूसरे संप्रदाय का व्यक्ति नहीं है। मगर सियासत अभी भी जोरों पर है और लोग महाराष्ट्र सरकार के इस दावे से संतुष्ट नहीं हैं।
नई दिल्ली टीम डिजिटल। पालघर में 200 लोगों की भीड़ के जानलेवा हमले के बाद दम तोड़ने वाले महंत कल्पवृक्ष गिरी समेत तीन लोगों की दुखद मौत के बाद से इस मुद्दे पर सियासत तेज होती जा रही है। बुधवार को ठाकरे सरकार ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची जारी करते हुए दावा किया है हमलावरों में दूसरे समुदाय का कोई व्यक्ति नहीं था। ऐसे में स्वामी कल्पवृक्ष के नाम से जारी की गई वीडियो तेजी से वायरल होती जा रही है।
यह वही संत ह जिन्हें पालघर में घेर कर मार दिया गया😠😠#वीडियो सुनिए
आपको समझ मे आ जाएगा कि ये संत हमारे लिए कितने जरूरी थे और यही वजह इनकी मौत का कारण बन गयी😢
इनकी मृत आत्मा को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करना हमारी और आपकी जिम्मेदारी ह
जागो हिन्दू जागो pic.twitter.com/Kfr35Gxbeq
— Dev Jakhar (@JakhatDev) April 21, 2020
अभी तक वीडियो की पुष्टी नहीं, सत्यता पर संदेह बरकरार
समाचार लिखे जाने तक वीडियो की पुष्टी नहीं की जा सकी है। वीडियो में दिख रहे स्वामी की शक्ल महंत कल्पवृक्ष गिरी से मिलती है मगर महंत कल्पवृक्ष गिरी की किसी तस्वीर में त्रिशूल के आकार का त्रिपुंड नहीं लगा हुआ है। लिहाजा इस वीडियो की सत्यता पर संदेह बरकराह है।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो
इस वीडियो में महंत कल्पवृक्ष गिरी लोगों से आत्मरक्षा के साधन रखने, समाज में एकता बनाए रखने और हिंदुओं में जाति व्यवस्था के भेदभाव को दूर करने का संदेश देते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वीडियो में भी उनका नाम कहीं नहीं बोला गया है, इसलिए सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती जा रही इस वीडियो पर संदेह भी किया जा रहा है।
क्या महंत ने मरने से पहले ही कर दिया था खतरे के प्रति आगाह
वहीं कई यूजर कमेंट कर रहे हैं कि महंत कल्पवृक्ष गिरी ने मरने से पहले ही समाज को खतरे से आगाह किया था। मगर खुद उनकी रक्षा करने में समाज विफल रहा। अलबत्ता इतनी आक्रामक हिंसक भीड़ के हाथों वृद्ध महंत कल्पवृक्ष गिरी की निर्दय मृत्यू के बाद से मिले-जुले रिएक्शन्स सामने आ रहे हैं।
केस बंद मगर सियासत जोरों पर
उनकी मौत की वीडियो में ‘शोएब बस’ की आवाज सुनाई दे रही है। मगर अब दावा किया जा रहा है कि ये अवाज ‘ओए बस’ है। अब खुद महाराष्ट्र के गृह मंत्री दावा कर रहे हैं कि इस फेहरिस्त में कोई दूसरे संप्रदाय का व्यक्ति नहीं है। मगर सियासत अभी भी जोरों पर है और लोग महाराष्ट्र सरकार के इस दावे से संतुष्ट नहीं हैं।
0 comments: