भारत को फिर लगा एक और बड़ा झटका, भारत के लिए आई बुरी खबर
भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे निचले स्तर पर चल रही है और इसीलिए भारत के लिए एक और बुरी खबर आई है, बता दें कि जहां भारत सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने में लगी हुई है और दूसरी तरफ इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ष 2019 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दबाव से ग्रामीण भारत में कमजोर आय वृद्धि का हवाला देते हुए अनुमान में कमी आई है।
आईएमएफ का मानना है कि 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि 4.8 प्रतिशत, 2020 में 5.8 प्रतिशत और 2021 में 6.5 प्रतिशत हो सकती है, आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्त मोटे तौर पर नरम होने के कारण भारत की आर्थिक विकास दर कम हो गई है इस क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्रों में आय में कमजोर वृद्धि। आईएमएफ ने कहा कि भारत में घरेलू मांग में तेजी से गिरावट के विपरीत है, उसने कारण दिया है कि ब्राजील, भारत और मैक्सिको जैसे देश अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे निचले स्तर पर चल रही है और इसीलिए भारत के लिए एक और बुरी खबर आई है, बता दें कि जहां भारत सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने में लगी हुई है और दूसरी तरफ इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ष 2019 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दबाव से ग्रामीण भारत में कमजोर आय वृद्धि का हवाला देते हुए अनुमान में कमी आई है।
आईएमएफ का मानना है कि 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि 4.8 प्रतिशत, 2020 में 5.8 प्रतिशत और 2021 में 6.5 प्रतिशत हो सकती है, आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्त मोटे तौर पर नरम होने के कारण भारत की आर्थिक विकास दर कम हो गई है इस क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्रों में आय में कमजोर वृद्धि। आईएमएफ ने कहा कि भारत में घरेलू मांग में तेजी से गिरावट के विपरीत है, उसने कारण दिया है कि ब्राजील, भारत और मैक्सिको जैसे देश अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
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