COVID-19: बैंक से पैसे निकलवाने पहुंची मृत महिला ! मचा हड़कंप
पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है। 14 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 543 लोगों की मौत हो चुकी है।
डेस्क। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है। 14 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 543 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच बिहार से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहाँ एक साल पहले मृत घोषित महिला अचानक सामाजिक सुरक्षा के पैसे निकालने शनिवार को बैंक पहुंची तो उसे देखकर बैंककर्मी भौंचक रह गए और फिर हिम्मत कर पूछा-'अरे, आप तो मर चुकी थीं फिर जिंदा कैसे हो गईं।'
यह सुनकर महिला के तो होश उड़ गए। फिर बैंककर्मियों ने बैंक की फाइल से मृत्यु प्रमाणपत्र निकाल कर देखा और फोटो मिलाया तो वह उसी महिला की थी। बैंक वालों ने कहा कि आपकी तो मौत हो चुकी है, फिर पैसे कहां से मिलेंगे।
दरअसल, बिहार के छपरा जिले में चानो देवी नामक महिला लॉकडाउन के बीच अपने जनधन खाते से पैसे निकालने बैंक पहुंची थी। उन्हें खबर मिली कि ग्रामीण बैंक के सीएसपी पर कोरोना बंदी के दौरान सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत लोगों को पैसे मिल रहे हैं।
चानो देवी भी अपने पैसे निकालने के लिए वहां पहुंची। लेकिन सीएसपी संचालक से उन्हें पता चला कि उनका खाता तो बंद हो चुका है। जब बुजुर्ग महिला इसकी वजह पूछी तो बताया गया वो मृत हैं इसलिए उनका खाता बंद कर दिया गया है।
बैंक वालों की यह बात सुनकर चानो देवी हैरान रह गई। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ये हुआ कैसे। चानो देवी ने जब बैंक से पूछा कि आखिर उन्हें मृत घोषित किसने किया। तब पता चला कि गांव की महिला सरपंच पूनम देवी ने ही उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र जारी किया था। सरपंच के लेटर हेड में लिखा गया है कि चानो की मौत 9 अक्टूबर 2019 को हो चुकी है।
सबसे हैरानी की बात तो ये है कि लेटर हेड पर साइन सरपंच पूनम देवी ने नहीं किया है। जब इस पूरे मामले में सरपंच से बात किया गया तो उनका कहना था कि उनके छोटे बेटे ने इस पर साइन किया है। ये भी एक बड़ा सवाल ही है कि एक जनप्रतिनिधि की जगह उसका बेटा फैसले कैसे ले रहा है? इस खबर के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है और मामले की छानबीन की जा रही है।
पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है। 14 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 543 लोगों की मौत हो चुकी है।
डेस्क। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है। 14 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 543 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच बिहार से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहाँ एक साल पहले मृत घोषित महिला अचानक सामाजिक सुरक्षा के पैसे निकालने शनिवार को बैंक पहुंची तो उसे देखकर बैंककर्मी भौंचक रह गए और फिर हिम्मत कर पूछा-'अरे, आप तो मर चुकी थीं फिर जिंदा कैसे हो गईं।'
यह सुनकर महिला के तो होश उड़ गए। फिर बैंककर्मियों ने बैंक की फाइल से मृत्यु प्रमाणपत्र निकाल कर देखा और फोटो मिलाया तो वह उसी महिला की थी। बैंक वालों ने कहा कि आपकी तो मौत हो चुकी है, फिर पैसे कहां से मिलेंगे।
दरअसल, बिहार के छपरा जिले में चानो देवी नामक महिला लॉकडाउन के बीच अपने जनधन खाते से पैसे निकालने बैंक पहुंची थी। उन्हें खबर मिली कि ग्रामीण बैंक के सीएसपी पर कोरोना बंदी के दौरान सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत लोगों को पैसे मिल रहे हैं।
चानो देवी भी अपने पैसे निकालने के लिए वहां पहुंची। लेकिन सीएसपी संचालक से उन्हें पता चला कि उनका खाता तो बंद हो चुका है। जब बुजुर्ग महिला इसकी वजह पूछी तो बताया गया वो मृत हैं इसलिए उनका खाता बंद कर दिया गया है।
बैंक वालों की यह बात सुनकर चानो देवी हैरान रह गई। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ये हुआ कैसे। चानो देवी ने जब बैंक से पूछा कि आखिर उन्हें मृत घोषित किसने किया। तब पता चला कि गांव की महिला सरपंच पूनम देवी ने ही उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र जारी किया था। सरपंच के लेटर हेड में लिखा गया है कि चानो की मौत 9 अक्टूबर 2019 को हो चुकी है।
सबसे हैरानी की बात तो ये है कि लेटर हेड पर साइन सरपंच पूनम देवी ने नहीं किया है। जब इस पूरे मामले में सरपंच से बात किया गया तो उनका कहना था कि उनके छोटे बेटे ने इस पर साइन किया है। ये भी एक बड़ा सवाल ही है कि एक जनप्रतिनिधि की जगह उसका बेटा फैसले कैसे ले रहा है? इस खबर के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है और मामले की छानबीन की जा रही है।
0 comments: